बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान का कहना है कि यह सोचना बहुत हास्यास्पद होगा कि उनकी मां एवं सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष शर्मिला टैगोर ने “कमीने” फिल्म को वयस्क फिल्म की श्रेणी में इसलिए रखा था क्योंकि उसके अभिनेता शाहिद कपूर थे।
सैफ ने कहा कि यह कहना बहुत हास्यापद होगा कि “कमीने” के खिलाफ किसी का भी कोई निजी पूर्वाग्रह था। सैफ अली खान की शुक्रवार को प्रदर्शित होने जा रही फिल्म “कुर्बान” को भी “ए” श्रेणी का प्रमाणपत्र दिया गया हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मां सेंसर बोर्ड का काम अच्छे से संभाल रही हैं और उन्होंने उनकी फिल्म “कुर्बान” को भी “ए” श्रेणी का प्रमाणपत्र दिया हैं। ऎसा माना जा रहा था कि विशाल भारद्वाज की फिल्म “कमीने” को “ए” श्रेणी में इसलिए रखा गया क्योंकि फिल्म के अभिनेता शाहिद थे और पूर्व में उनका सैफ की महिला मित्र और अभिनेत्री करीना कपूर से संबंध था।
सैफ कहते है कि निजी दुश्मनी की कोई भी बात पूरी तरह काल्पनिक हैं। मैं यह भी नहीं जानता कि वास्तव में कौन इस अफवाह को फैला रहा है और स्पष्ट रूप से कहूं तो मुझे इसकी कोई परवाह नहीं हैं। ऎसी बातें मुझे प्रभावित नहीं करती। सैफ कहते है कि उनकी मां सही न्याय करती हैं। उन्होंने कहा कि बहुत सी बातें ऎसी होती हैं जो हमें नजर नहीं आतीं लेकिन वह फिल्मों को सेंसर करते समय उन्हें देख लेती हैं।
Thursday, November 19, 2009
मेरी मां सही न्याय करती हैं: सैफ
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